PM Van Dhan Yojana : वन धन योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया, पात्रता, लाभ, दस्तावेज जाने सम्पूर्ण जानकारी।

PM Van Dhan Yojana नमस्कार दोस्तों आज के इस पोस्ट में आप सब का स्वागत है जिसमे आज हम बात करने वाले हैं। “के बारे में जानने वाले है”। जिसमे “हम आपको पीएम वन धन योजना से जुडी सम्पूर्ण जानकारी देने वाले हैं”। जैसे, आपको पीएम वन धन योजना  में ऑनलाइन आवेदन कैसे करें, पात्रता क्या हैं, इसका लाभ कौन ले सकता, उदेश्य, आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज कौन कौन से है सभी प्रकार की जानकारी देने वाले है।

अगर आप भी इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको पीएम वन धन योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन करना होगा आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको आवेदन कैसे करें निचे सम्पूर्ण जानकारी देने वाले है। अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट के अंत तक जुड़े रहे और विस्तार से पूरा पढ़िए। PM Van Dhan Yojana

पीएम वन धन योजना क्या है

भारत के वनांचल क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी समुदायों के जीवन में बदलाव लाने और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के उद्देश्य से वर्ष 2018 में प्रधान मंत्री वन धन योजना (PMVDY) की शुरुआत की गई।

यह योजना जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित है, जिसका मुख्य लक्ष्य वन संपदा के माध्यम से आदिवासियों को रोजगार और आय के नए अवसर प्रदान करना है। PM Van Dhan Yojana

यह योजना न केवल आदिवासी समुदायों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर रही है, बल्कि देश के वन संसाधनों के टिकाऊ उपयोग को भी बढ़ावा देती है। आइए, इस योजना के तहत इसके सभी पहलू को विस्तार से समझते हैं।

प्रधानमत्रीं वन धन योजना के उद्देश्य

PM Van Dhan Yojana योजना का मुख्य उद्देश्य है आदिवासियों का आय स्रोत्र बढ़ाना है जिसके तहत सरकार के निम्नलिखित उद्देश्य है जो निचे दिए गए है।

  • वन उत्पादों (जैसे – महुआ, शहद, तेंदू पत्ता, लाख, जड़ी-बूटियाँ) को प्रोसेस करके उनकी बाजार कीमत बढ़ाना।
  • ग्रामीण स्तर पर प्रसंस्करण इकाइयाँ (Van Dhan Vikas Kendras) स्थापित करके स्थानीय लोगों को रोजगार देना।
  • आदिवासियों को बिचौलियों से मुक्त करके सीधे बाजार से जोड़ना।
  • वन संपदा का दोहन इस तरह करना कि पर्यावरण का संरक्षण भी हो।

PM वन धन योजना के लाभ

प्रधान मंत्री वन धन योजना के तहत सरकार ने इस योजना को शुरू करने के निम्नलिखित लाभ दिए गए है, जो इस प्रकार है।

  • वन उत्पादों को कच्चे रूप में बेचने के बजाय प्रोसेस्ड उत्पाद (जैसे – जैम, अचार, तेल, दवाइयाँ) बनाकर आदिवासी 3-4 गुना अधिक कमाई कर सकते हैं।
  • योजना के तहत 15-20 सदस्यों के समूह बनाए जाते हैं, जिससे सामूहिक कार्य संस्कृति को बल मिलता है।
  • प्रत्येक समूह को ₹15 लाख तक की सब्सिडी, प्रशिक्षण, और तकनीकी मदद दी जाती है।
  •  50% से अधिक समूहों में महिलाओं की भागीदारी अनिवार्य है, जिससे उनकी आर्थिक भूमिका मजबूत होती है।
  • TRIFED (Tribal Cooperative Marketing Development Federation) के माध्यम से उत्पादों को “ट्राइब्स इंडिया” जैसे ब्रांड के तहत बाजार में उतारा जाता।
  • लगभग 10 लाख आदिवासी परिवार इस योजना से जुड़े हैं।
  • छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड, और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में इस योजना ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है।

पीएमवीडीवाई के लिए पात्रता

प्रधान मंत्री वन धन योजना के तहत लाभ लेने के लिए आपको  निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना होगा तभी आप इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते है।

  • आवेदक व्यक्ति की आयु 18 साल से कम नहीं होनी चाहिए।
  • केवल अनुसूचित जनजाति (ST) के लोग ही आवेदन कर सकते हैं।
  • आवेदक को वन क्षेत्र या उसके आसपास के गाँव में निवास करना चाहिए।
  • 15-20 सदस्यों का समूह बनाना अनिवार्य है, जिसमें कम से कम 50% महिलाएँ हों।

PMVDY के लिए जरुरी दस्तावेज

प्रधान मंत्री वन धन योजना के तहत आवेदन करने के लिए आपको जरुरी दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ सकती है जो निचे दिए गए है।

  • आधार कार्ड
  • जनजाति प्रमाण पत्र
  • निवास प्रमाण  राशन कार्ड, वोटर ID
  • बैंक खाता पासबुक
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • समूह का प्रस्ताव
  • मोबाइल नंबर
  • अन्य दस्तावेज

ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया

PM Van Dhan Yojana के तहत आवेदन करने के लिए आपको निचे स्टेप बाय स्टेप आवेदन प्रक्रिया दी गई हैं जिसको फॉलो कर के आप इस योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं।

  • साबसे पहले आपको इस योजना की अधिकारी वेबसाइट पर जाना होगा
  • इसके बाद “Van Dhan Vikas Kendra” सेक्शन में “Apply Now” पर क्लिक करें।
  • समूह के प्रतिनिधि का नाम, पता, और संपर्क विवरण भरें।
  • सभी सदस्यों के आवश्यक दस्तावेज स्कैन करके अपलोड करें।
  • उत्पादन योजना (कौन-सा वन उत्पाद प्रोसेस किया जाएगा) और बाजार विश्लेषण का विवरण दें।
  • जिला स्तर की समिति द्वारा आवेदन की जाँच की जाती है।
  •  आवेदन स्वीकृति के बाद समूह को प्रशिक्षण दिया जाता है और ₹15 लाख तक की सहायता राशि जारी की जाती है।
  • Van Dhan Vikas Kendra (VDVK) स्थापित करने के लिए जगह और उपकरणों की व्यवस्था की जाती है।

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Conclusion

दोस्तों हम आशा करते हैं इस आर्टिकल मे दी गयी MP Ankur Yojana के बारे में  जानकारी आप सभी के लिए हेल्पफुल रही होगी और यदि आपका फिर भी कोई इस लेख से सम्बंधित सवाल है तो उसे कमेंट बॉक्स मे जरुर लिखे हम आपकी मदद के लिए तैयार है। धन्यवाद

प्रधानमंत्री वन धन योजना ने आदिवासी अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया है। यह न केवल वन संपदा के टिकाऊ उपयोग को सुनिश्चित करती है, बल्कि ग्रामीण रोजगार और महिला सशक्तिकरण जैसे लक्ष्यों को भी पूरा करती है। हालाँकि, इसकी सफलता के लिए जमीनी स्तर पर जागरूकता।

बेहतर बाजार पहुँच, और तकनीकी हस्तक्षेप की आवश्यकता है। यदि इन चुनौतियों का सही ढंग से समाधान किया जाए, तो यह योजना भारत के आदिवासी समुदायों को विकास की मुख्यधारा में लाने का एक प्रभावी माध्यम बन सकती है।

प्रधानमत्रीं वन धन योजना (FAQs)

प्रश्न – प्रधानमंत्री वन धन योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?

उत्तर – इस योजना का उद्देश्य आदिवासी समुदायों को संगठित करके वन उत्पादों के मूल्य संवर्धन, ब्रांडिंग और विपणन के माध्यम से उनकी आय में वृद्धि करना है।

प्रश्न – इस योजना के तहत कौन से उत्पाद शामिल हैं?

उत्तर – इस योजना में शहद, औषधीय पौधे, रेजिन, गोंद, बांस आदि जैसे विभिन्न गैर-लकड़ी वन उत्पाद शामिल हैं।

प्रश्न – वन धन विकास केंद्र (VDVK) क्या हैं?

उत्तर – VDVK ग्राम स्तरीय इकाइयाँ हैं जो आदिवासी स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को कार्यक्षेत्र, उपकरण और प्रशिक्षण प्रदान करती हैं।

प्रश्न – क्या इस योजना के तहत वित्तीय सहायता उपलब्ध है?

उत्तर – हाँ, सरकार VDVK स्थापित करने, उपकरण खरीदने और प्रारंभिक कार्यशील पूंजी के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

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